5 जुलाई को पेश होने जा रहे बजट से पहले निवेश को लेकर जारी हुए आंकड़े ने मोदी सरकार के आर्थिक विकास के खोखले दावों की पोल खोल कर रख दी है l सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआई) द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल से जून 2019 की तिमाही में देश भर में हुए निवेश में पिछले साल की तुलना में करीब 87 % की गिरावट दर्ज की गई है l और सबसे चिंताजनक स्थिति यह है कि इस तिमाही निवेश के आंकड़े पिछले 15 सालों में सबसे निचले स्तर पर आ चुके हैं l
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में शुरू हुई नई निवेश परियोजनाएं फण्ड की कमी तथा भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दों क कारण ठप पड़ी हुई हैं l
Also read: मोदी सरकार के खिलाफ लिखने वाले अखबारों को सरकारी विज्ञापन मिलना हुआ बंद
इस मामले से इतर भी भारत अभी बैंकिंग सेवाओं के संकट से गुजर रहा है l रिज़र्व बैंक द्वारा अर्थव्यवस्था में तरलता बनाए रखने के लिए कैश के बहाव को तेज किया गया तथा अन्य उपाय सुनिश्चित किए गए जिसकी वजह से इस तिमाही अर्थव्यवस्था में तरलता की कमी से निपट सका, लेकिन इस तिमाही में इस संकट से निपटना मुश्किल होगा l
भारत की 2.6 खरब की अर्थव्यवस्था एक बुरे दौर से गुजर रही है l 2017 -18 में 7.2 %
की दर से बढ़ रही जीडीपी 2018 – 19 में लुढ़ककर 6 .8 % पर आकर रूक गई l
One thought on “आर्थिक चुनौतियों से घिरी सरकार: निवेश 15 साल के न्यूनतम स्तर पर”