राहुल ने मेरे बेटे की मदद की, करियर को लेकर बेटे को प्रोत्साहित किया – निर्भया के पिता

16 दिसंबर, 2012 की रात दक्षिणी दिल्ली में सामूहिक दरिंदगी झेलने के 13वें दिन सिंगापुर में इलाज के दौरान दुनिया से रुखसत होने वाली निर्भया का भाई चेतन (बदला हुआ नाम) अपने सपनों की उड़ान के लिए राहुल गांधी का शुक्रगुजार है।

निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने आईएएनएस को बताया, “इस बात में सौ फीसदी सच्चाई है कि मेरे बेटे के सपनों को पूरा करने में राहुल जी की बड़ी भूमिका है। वह लगातार हमसे बात कर रहे थे, करियर को लेकर बेटे को प्रोत्साहित कर रहे थे। वह कभी घर तो नहीं आए, लेकिन लगातार फोन करते रहे हैं। उनकी सलाह से बेटे ने रायबरेली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी में दाखिला लिया, किसी के लिए इससे बड़ी मदद क्या हो सकती है?”

निर्भया की मां आशा देवी ने बताया, “जब बेटा रायबरेली में प्रशिक्षण ले रहा था, तब भी राहुल गांधी उसे फोन कर करियर पर फोकस करते रहने को कहते थे। उन्हें भला हमसे क्या मिलेगा, लेकिन वह निःस्वार्थ भाव से मदद किए जा रहे हैं। मेरे बेटे को पायलट बनाने में उन्हीं का रोल है।”

एक सवाल पर निर्भया के पिता बद्रीनाथ कहते हैं, “कि जिस तरह राहुल जी हमारी मदद की, मेरे बेटे को सही दिशा दिखाई, उससे उनके गंभीर व्यक्तित्व का पता चलता है।”

आशा देवी कहती हैं, “एक अच्छा नेता वही होता है, जो निःस्वार्थ भाव से जनता की सेवा करे। हमारी मदद कर उनका कोई राजनीतिक लाभ तो नहीं हो रहा, लेकिन वह इतने वर्षो से हमारी मदद कर रहे हैं। हम उनका कोई वोट बैंक तो नहीं हैं।”

पिछले दिनों ऐसी कई मीडिया रिपोर्टें आयीं जिनमें कहा गया कि राहुल गांधी ने निर्भया के भाई को पायलट बनाने में आर्थिक मदद भी की है, लेकिन निर्भया के पिता इससे इनकार करते हुए कहते हैं, “वह सिर्फ हमारे बेटे की हौसलाअफजाई करते थे, उन्हें सही मार्गदर्शन देते थे कि उसे क्या करना चाहिए। करियर को लेकर वह अमूमन फोन करते, कई बार हम उनसे जाकर भी मिले, लेकिन उन्होंने हमारी आर्थिक तौर पर मदद नहीं की।”

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